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पूर्व राज्य मंत्री की गोली मारकर हत्या की गयी , 3 शूटर आए और गोली मारकर भागे

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक दुखद घटना सामने आई है जिसमें नेता अजित पवार की  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एक नेता और राज्य के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की सरेआम गोली मारकर हत्या  कर दी गई  है। सिद्दीकी की  हत्या की  घटना शनिवार रात करीब साढ़े नौ बजे बांद्रा (पश्चिम) में  सिद्दीकी के अपने विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर हुई।

   मुंबई पुलिस के अनुसार , फायरिंग के बाद बाबा सिद्दीकी को तुरंत शहर के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ डॉ ने उनको मृत  घोषित कर दिया । इस मामले में मुंबई पुलिस ने दो शूटरों को गिरफ्तार कर लिया है , जबकि एक फरार है। तीनों हमलावर बाइक से आए थे। पुलिस जाँच में जुटी हुई है और 2 हत्यारों को पकड़ लिया गया है एक शूटर फरार है उसको भी जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा . 

सीने और पेट में मारी गोली

मिली जानकारी के अनुसार , तीन हमलावरों ने मौका देखकर बाबा सिद्दीकी पर तीन गोलियां चलाईं, गोलियां उनके सीने में और पेट में लगी। फायरिंग के बाद उन्हें तुरंत पास के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की खबर मिलते ही सिद्दीकी के समर्थक सदस्य अस्पताल के बाहर इकठ्ठे  हो गये है। इस घटना के बाद खुद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस लीलावती अपस्ताल पहुंचे है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या से पुरे मुम्बई शहर में सनसनी फ़ैल गई है। राजनितिक गलियारों में इस घटना को लेकर बहुत ज्यादा चिंताजनक स्थिति बनी हुई है . आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिद्दकी ने  इसी साल 8 फरवरी को उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और फिर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए। जीशान सिद्दीकी जो  बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं वो अभी कांग्रेस के विधायक है।

कौन है बाबा सिद्दीकी?



मुंबई के बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे हैं सिद्दीकी। वह 1999 में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए थे। उन्हें 2004 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल हुई। 2004 से 2008 तक की  कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार में राज्य मंत्री के पद पर रहे थे। बाबा सिद्दीकी  को पहली बार 1992 में मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के पार्षद चुना गया था। इसके बाद सिद्दकी के राजीनीतिक सितारे बुलंदियों को छूने लगे और वो विधायक तथा राज्यमंत्री तक बने .  1997 के बीएमसी चुनाव में भी उन्हें सफलता मिली।

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